जापान के पी एम शिन्ज़ो आबे का भारत दौरा ।
 जापान के पीएम का भारत दौरे के साथ भारत को बुलेट ट्रेन की सौगात । Japanese PM's visit to india and start of bullet trains in india.(In Hindi)

जापान के पीएम शिंजो आबे बुधवार 13/9/2017 से दो दिन के भारत दौरे पर हैं। दोनों दिन वे गुजरात में ही रहेंगे। जिसकी भारत को उम्मीद थी की देश में बुलेट ट्रेन दौड़ेगी अब वो उम्मीद पूरी होने जा रही है। जापानी पी एम मोदी जी के साथ मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे। आबे का यह दौरा डिप्लोमैसी के लिहाज से इसलिए अहम है क्योंकि यह डोकलाम पर भारत-चीन के हालिया विवाद के बाद हो रहा है। बुलेट ट्रेन और बाइलैटरल मीटिंग के अलावा भी शिंजो आबे के इस दौरे के कई मायने हैं। इसमें एक हिस्सा मोदी की टच डिप्लोमैसी का भी है। पिछली बार मोदी ने आबे की अगवानी बनारस में की थी। इस बार अहमदाबाद में करने वाले हैं। बता दें कि मोदी-आबे पिछले तीन साल में 10 बार मुलाकात कर चुके हैं। विदेश मामलों के एक्सपर्ट रहीस सिंह बता रहे हैं इस दौरे के मायने...

2014 जैसा इत्तेफाक क्यों?

- 2014 में पीएम बनने के बाद मोदी अगर पड़ोसी देशों के अलावा पहली बार किसी बड़े देश गए थे तो वह जापान था। उनके क्योटो से लौटने के बाद मोदी ने अहमदाबाद में अपने जन्मदिन पर चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग की अगवानी की थी।

- ठीक तीन साल बाद भी वैसे ही हालात हैं। इस बार मोदी चीन में ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेकर लौटे हैं और उनके 17 सितंबर को जन्मदिन से चार दिन पहले वे अहमदाबाद में ही जापानी पीएम की अगवानी करेंगे।

गुजरात में अगवानी का मतलब टच थैरेपी जैसी डिप्लोमैसी
- विदेश मामलों के एक्सपर्ट रहीस सिंह ने को बताया,''शिंजो आबे का स्वागत दिल्ली की बजाय अहमदाबाद में किया जा रहा है। गुजरात मोदी का घर है। ऐसे में वहां आबे का स्वागत कर मोदी उन्हें भारत-जापान के रिश्तों में नजदीकी का अहसास कराना चाहते हैं। मैं इसे'टच थैरेपी'डिप्लोमैसी कहता हूं। इससे पहले मोदी ने जिनपिंग की अगवानी भी अहमदाबाद में की थी।''

- ''आबे की इस यात्रा को स्ट्रैटजी के लिहाज से देखें तो यह भारत के लिए दो तरह से अहम है। पहला,भारत को टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन के लिए जापान की मदद की जरूरत है। दूसरा,चीन से टकराव के मद्देनजर यह पावर बैलेंस की कोशिश भी है। हमें चीन को मैसेज देना है कि हम उससे कमजोर नहीं हैं।''

- ''आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने हाल ही में जो सेना को दो मोर्चों पर तैयार रहने की बात कही थी। वह शायद सरकार के लिए मैसेज ही था कि भारत जापान से मिलिट्री रिलेशंस को मजबूत करे। भारत,अमेरिका और जापान के बीच मालाबार नेवल एक्सरसाइज भी होती रही है। हालांकि,आबे की इस विजिट को तभी अहम माना जाएगा,जबकि इसमें कुछ नए एग्रिमेंट्स होंगे।''

शिंजो आबे के भारत दौरे के बारे में 7 बिंदुओं में जानिए...

1)सबसे पहले जानिए:कैसे हैं भारत-जापान के रिश्ते?

- बौद्ध धर्म की वजह से छठी शताब्दी से ही भारत-जापान के रिश्ते हैं। मॉडर्न हिस्ट्री की बात करें तो दोनों देशों के बीच रिश्ते 1949 से शुरू हुए। दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद भारत ही वह पहला देश था जिसके साथ जापान ने पीस ट्रीटी की थी। तब नेहरू ने टोक्यो के एक चिड़ियाघर के लिए भारतीय हाथी तोहफे में भेजा था। 1952 से दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशंस शुरू हुए।

2)शिंजो आबे के भारत दौरे पर क्या होगा?

- मोदी 13 सितंबर को अहमदाबाद में आबे की मेजबानी करेंगे। उसी दिन शाम को मोदी उन्हें साबरमती आश्रम लेकर जाएंगे। उनके सम्मान में डिनर भी देंगे।

- 14 सितंबर की सुबह साबरमती रेलवे स्टेडियम में मोदी और आबे मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए भूमिपूजन में हिस्सा लेंगे। यह प्रोजेक्ट 1.10 लाख करोड़ रुपए का है। आजादी के 75 साल पूरे होने पर 15 अगस्त 2022 को यह ट्रेन चलाने का टारगेट है।

- मोदी-आबे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वड़ोदरा में हाई-स्पीड रेलवे ट्रेनिंग सेंटर का इनॉगरेशन करेंगे। गुरुवार दोपहर मोदी-आबे डांडी कुटीर संग्रहालय देखने जाएंगे।

- इसके बाद गांधीनगर के महात्मा मंदिर में मोदी-आबे के बीच बातचीत होगी। इस बैठक में दोनों नेता भारत-जापान स्पेशल स्ट्रैटजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप के तहत हाल ही में हुई प्रोग्रेस का रिव्यू करेंगे। यह twelfth इंडिया-जापान एनुअल समिट भी अहमदाबाद में होगी। मोदी-आबे के बीच यह चौथी समिट होगी।

- गुजरात के साणंद और मंडल में जैपनीज इंडस्ट्रियल पार्क के लिए एमओयू होगा। इससे 25 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट आने की उम्मीद है। साणंद के खोराज में 1750 एकड़ में जापान-इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग बनाने के लिए भी एमओयू होगा। इसके तहत अगले 10 साल में 30 हजार यूथ्स को ट्रेनिंग मिलेगी।

- आबे सूजुकी मोटर्स की एक कार फैक्ट्री और लीथियम-आयाेन बैटरी प्लांट का भी इनॉगरेशन करेंगे। गुरुवार को ही मोदी-आबे इंडिया-जापान बिजनेस फोरम में स्पीच देंगे। रात को सीएम विजय रूपाणी आबे के सम्मान में डिनर देंगे।
कुछ ख़ास बातें जापानी पी एम के भारत दौरे की -

आइये कुछ ख़ास बातो पर नज़र डालते है-

‌1. मोदी जी की टच डिप्लोमेसी
     सितम्बर 2014 - जापानी पी एम को अहमदाबाद बुलाया
     जनवरी 2015 - ओबामा को रिपब्लिक डे पर भारत बुलाया
     दिसम्बर 2015 -  जापानी पि एम के साथ गंगा आरती की
     सितम्बर 2017 - शिंजो आबे की अहमदाबाद में आगवानी करेंगे।

‌2. तीन साल पहले जैसा इत्तेफाक
       2014 में मोदी जापान गए और लौटकर चीन के प्रेजिडेंट की अगवानी करी।
       2017 में मोदी चीन गए और लौटकर जापान के पी एम् का स्वागत किया।

‌3. अबे भारत दौरे पर
           मुम्बई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए भूमि पूजन होगा।
           मोदी और अबे सम्बरमति आश्रम डंडी कुटीर संग्रहालय जायेंगे।
           मोदी और आबे के बीच चौथी समिट होगी दोनों 10 बार मिल चुके है।

‌4. बुलेट ट्रेन पर इतना ज़ोर क्यों ?
       मुम्बई अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर पर 350 kmph की अधिकतम गति से दौडेगी बुलेट ट्रैन।
       जापान 0.1ब्याज दर पर भारत को 50 सालो के लिए 88 हज़ार करोड़ का लोन दे रहा है।

‌5. भारत के लिए कितना अहम है जापान -
          डोकलां विवाद पर जापान ने खुलकर भारत का सपोर्ट किया था।
          जापान का भारत में 3 बड़ा इन्वेस्टमेंट । 2016-17 में जापान का निवेश 4.7 अरब डॉलर्स का रहा।

‌6. भारत जापान मिलकर चीन का हिन्द महासागर और साउथ चीन सागर में दखल काम कर सकते है।
           चीन के 1 बेल्ट 1 रोड प्रोजेक्ट के जवाब में एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर बना सकते है।

भारत के जापान के साथ अच्छे मज़बूत रिश्ते भारत के विकास को आगे बढ़ा रहे है। और चीन जैसे दुश्मन देशों के लिए 1 कूटनीतिक दीवाल भी बना रहे है। हम भारतवासी जापान और मोदी जी  के आभारी है जो इस देश में हमे बुलेट ट्रेन में बैठने का अवसर प्राप्त होने वाला है। हम हमेशा ये दुआ करेंगे की जापान जैसे मित्र देशो के हमारे साथ अच्छे रिश्ते कायम रहे।

आशा है कि ये ब्लॉग आपको अच्छा लगा होगा और आप को बहुमूल्य जानकारियां प्राप्त हुई होगी। ऐसी ही बड़ी खबरों के लिए हमसे जुड़े रहिये। धन्यवाद। 
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